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फरखंदा कुरैशी जिले की पहली मुस्लिम महिला हैं जिन्होंने आईएएस परीक्षा पास की है। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2024 में 67वीं रैंक हासिल की। यह सफलता उन्हें चौथे प्रयास में मिली। फरखंदा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने संयुक्त परिवार और माता-पिता को दिया है।

बालाघाट की फरखंदा कुरैशी ने यूपीएससी 2024 में 67वीं रैंक हासिल कर आईएएस कैडर प्राप्त किया। अधिवक्ता अब्दुल मलिक कुरैशी की बेटी फरखंदा ने चौथे प्रयास में यह सफलता पाई। पहले प्रयास असफल रहे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्हे कक्षा आठवीं में ही आईएएस बनने की प्रेरणा मिल गई थी। उन्होंने बचपन में कलेक्टर बनने का सपना देखा था, जिसे उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से पूरा किया।

फरखंदा ने बताया कि जब वह आठवीं कक्षा में थीं, तब उन्होंने एक लोकल न्यूज़ चैनल पर बालाघाट के तत्कालीन कलेक्टर बी चंद्रशेखर को देखा था। तभी उन्होंने आईएएस बनने का फैसला किया। बालाघाट शहर के अधिवक्ता अब्दुल मलिक कुरैशी की बेटी फरखंदा कुरैशी ने यह मुकाम हासिल किया है।

फरखंदा ने बात करते हुए अपनी इस यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने भूगर्भ शास्त्र में स्नातक करने के बाद 2019 से यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। 2021, 2022 और 2023 में उन्हें असफलता मिली। लेकिन 2024 में उन्होंने फिर प्रयास किया और सफलता प्राप्त की।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

फर्ख़ंदा ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट मैरीज़ स्कूल और मेथोडिस्ट मिशन स्कूल से पूरी की। आठवीं कक्षा में जब उन्होंने एक टीवी चैनल पर जिला कलेक्टर बी. चंद्रशेखरन को देखा, तो उनके मन में भी सिविल सेवा में जाने का सपना जगा। उन्होंने 2021 में UPSC की तैयारी शुरू की और चौथे प्रयास में सफलता प्राप्त की। वे अपने पिता, एडवोकेट अब्दुल मलिक कुरैशी, और माता, निकहत अंजुम कुरैशी, को अपनी सफलता का श्रेय देती हैं।

तैयारी की रणनीति

फर्ख़ंदा का मानना है कि UPSC जैसी कठिन परीक्षा के लिए 18 घंटे पढ़ाई करना आवश्यक नहीं है; बल्कि निरंतरता और रणनीति अधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने प्रतिदिन 6 से 8 घंटे पढ़ाई की, लेकिन नियमितता बनाए रखी। उनकी तैयारी में पुराने प्रश्न पत्र, मानक पुस्तकें, समसामयिक घटनाएं और समाचार पत्र पढ़ना शामिल था।

 

Project Representaion By B.tech Student At RGPV BHOPAL

Project Title:

Li-Fi Based Audio Transmission System – A High-Speed, Secure, and Eco-Friendly Wireless Communication System

Presented by: 

B.Tech 3rd Year Students
Department of Computer Science & Engineering
[Satpuda College of Engineering & Polytechnic]

Project Overview:

Li-Fi (Light Fidelity) is a revolutionary wireless communication technology that transmits data using visible light instead of traditional radio waves. This project demonstrates a Li-Fi-based audio transmission system, where audio signals are transmitted using LED light and received using a photodiode receiver circuit.

The system is simple, cost-effective, and eco-friendly, offering a hands-on glimpse into how Li-Fi can be used for secure and fast short-range communication.